प्रकृति की परछाई में जीवन और मृत्यु

जंगल में भ्रमण करते हुए अकस्मात इस दृश्य से सामना हो गया. 4 सोन कुत्तों के समूह के द्वारा एक नर चीतल का शिकार किया गया था और वह अपने मेहनत की दावत उड़ा ही रहे थे कि मैं वहां पहुंच गया. कुछ क्षणों के लिए तो वह आशंकित हुए किंतु थोड़ी देर बाद ही वह हमारी उपस्थिति से सहज हो गए और अपना भोजन करने लग गए.

गहरे जंगल के भीतर अत्यंत शांत माहौल में जंगली नाले में पानी के बहने की कल कल छल छल आवाज जीवन का गीत सुना रही थी तो दूसरी ओर इसी बहते पानी में मृत चीतल देह याद दिला रही थी कि जीवन कितना भी खूबसूरत हो अंतिम सत्य मृत्यु ही है…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *