लगभग एक सप्ताह या 10 दिन पुरानी बात है मेरे युवा किंतु बहुत पुराने मित्र फरहान ने मुझे फोन किया और मुझे दो घंटे का समय मांगा चाहे कितनी भी व्यस्तता हो लेकिन दोस्तों के लिए मेरे पास हमेशा ही समय होता है . हाल में ही फरहान ने हमारे लिए पेंच टाइगर रिजर्व के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है पेंच : द लैंड ऑफ़ मोगली .
मुझे लगावे पुनः कोई नया आईडिया लेकर मुझसे चर्चा करना चाह रहे होंगे लेकिन मिलने पर पता चला कि वह चर्चा तो करना चाह रहे थे लेकिन कैमरे पर और लगभग पौने दो घंटे चली चर्चा को उन्होंने लगभग जस के तस प्रस्तुत कर दिया है .
इस चर्चा के दौरान उन्होंने वन्य प्राणी संरक्षण के गहरे मुद्दों पर भी बात की और मेरे निजी जीवन पर भी , यह कहते हुए मुझे जरा भी संकोच नहीं है कि यह एक संपूर्ण इंटरव्यू जैसा बन पड़ा है और फरहान से इन सभी विषयों पर बात करते हुए मुझे बहुत अच्छा लगा, आप भी देखिए आपको यह कैसा लगता है !
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